बहुभाषिकता
बहुभाषी का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो दो या अधिक भाषाओं का प्रयोग करता है। विश्व में बहुभाषी लोगों की संख्या एकभाषियों की तुलना में बहुत अधिक है। विद्वानों का मत है कि द्विभाषिकता किसी भी व्यक्ति के ज्ञान एवं व्यक्तित्व के विकास के लिये बहुत उपयोगी है।
हाॅगेन के अनुसार, ‘‘दो भाषाओं के ज्ञान की स्थिति द्विभाषिक है।’’ वैसे तो बहुत सी भाषाओं को जानने वाले को बहुभाषिक कहते हैं परंतु एक से अधिक भाषा (केवल दो) जानने वाले को द्विभाषिक के साथ-साथ बहुभाषिक भी कहते हैं।
ब्लूम फील्ड के अनुसार – ‘‘बहुभाषिकता की स्थिति तब पैदा होती है जब व्यक्ति किसी ऐसे समाज में रहता है जो उसकी मातृभाषा से अलग भाषा बोलता है और उस समाज में रहते हुए वह उस अन्य भाषा में इतना पारंगत हो जाता है कि उस भाषा का प्रयोग मातृभाषा की तरह कर सकता है।’’
कुछ विद्वानों ने इसे इस रूप में प्रस्तुत किया कि द्विभाषिकता या बहुभाषिकता व्यक्ति के बचपन से ही दो या बहुत भाषाएँ एक साथ सीखकर उसका समान रूप और सहज प्रभाव से प्रयोग करने की स्थिति को कहते हैं परन्तु भाषावैज्ञानिक इसे अस्वीकार करते हुए तर्क देते हैं कि दो भाषाओं में मातृभाषा जैसी क्षमता एक ऐसा आदर्श है जिसे प्राप्त करना बहुत कठिन है। इस प्रकार एक से अधिक भाषाओं की जानकारी एवं प्रयोग बहुभाषिकता की स्थिति है।
बहुभाषिकता के लाभ
[संपादित करें]- अधिक संवाद कौशल
- उच्च भाषाई बोध
- उत्कृष्ट प्रबंधकारी कार्य पद्धति
- अपने परिवेश के अनुरूप ढलना
- अधिक करियर अवसर
- अल्ज़ाइमर / स्मृतिलोप के आरंभ में देर होना
- कुशल बहुकार्यात्मकता
- स्मृति में सुधार
- अतिरिक्त भाषायें सीखने की बढ़ी हुई क्षमता
भारत के सन्दर्भ में बहुभाषिकता
[संपादित करें]भारत में बहुभाषिकता की स्थिति नयी नहीं है। अपने सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं सामाजिक कारणों के फलस्वरूप यहाँ बहुभाषिकता बहुत पहले से मौजूद है। भारत की संस्कृति इतनी समृद्ध है कि लोग यहाँ कहते हैं, ‘‘कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बदले बानी।’’ तकनीकी के प्रभाव के कारण शिक्षा की व्यापकता, महानगरों के उदय एवं संचार माध्यमों का विकास हो रहा है जिस कारण अधिकाधिक व्यक्ति द्विभाषी या बहुभाषी होने की स्थिति को प्राप्त कर रहे हैं। भारत इन सबसे अछूता नहीं है। बहुभाषा-भाषी राष्ट्र होने के कारण यहाँ यह स्थिति पहले से ही थी परन्तु इन सबने इसके इस स्थिति को और समृद्ध किया है।
द्विभाषिकता और बहुभाषिकता में अंतर
[संपादित करें]दो भाषाओं को सहजता के साथ बोलने वाले व्यक्ति को द्विभाषिक कहते हैं, दो से अधिक भाषाओं को सहजता के साथ बोलने वाले व्यक्ति को बहुभाषी कहते हैं[1]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- द्विभाषिक बौद्धिकता का उत्थान और पतन (रामचन्द्र गुहा)
- Common Questions about a bilingual education for young children
- The benefits of multilingualism
- CBC Digital Archives – The Road to Bilingualism
- Encouraging Childhood Multilingualism
- SLABIB: Second Language Acquisition
- One Language or Two: Answers to Questions about Bilingualism in Language-Delayed Children
- raising-bilingual-children.com - webpage dedicated to educating children in a multilingual environment. Information/Recommendations, Forums, Links etc.
- ESRC Centre for Research on Bilingualism in Theory and Practice
- Multilingial virtual keyboard
- Bastardas-Boada, Albert. "World language policy in the era of globalization: Diversity and intercommunication from the perspective of 'complexity'", Noves SL. Revista de Sociolingüística 2002 (Summer).
- De Mauro, Tullio "Linguistic Variety and Linguistic Minorities." Italian Cultural Studies, an Introduction. Ed. David Forgacs and Robert Lumley. New York: Oxford UP, 1996. 88-101.
- बहुभाषिकता – आज की ज़रूरत
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- ↑ Singh, Amar. "बहुभाषिकता, बहुभाषिकता की आवश्यकता, चुनौतियां, निष्कर्ष". https://gyaanmantra.in.
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में बाहरी कड़ी (मदद)