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ई-शिक्षा कोष एप से शिक्षकों और छात्रों की निगरानी, सुबह-शाम बनेगी हाजिरी
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जिले के प्राइमरी स्कूल, मिड्ल स्कूल तथा हाईस्कूल के हेडमास्टर की ई शिक्षा कोष एप से निगरानी होगी। अब इनकी सुबह और शाम ऑनलाइन हाजिरी बनेगी। शीघ्र ही इनको इस एप्प की ट्रेनिंग दी जाएगी
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूल का विभिन्न स्तर पर निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के पूर्व स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों के नाम, कुल नामांकित छात्रों की संख्या सहित अन्य आवश्यक सूचना को सूचनापट पर अंकित करने, प्रत्येक वर्ग कक्ष में रूटीन उपलब्ध कराने संबंधी सभाी जानकारी इस एप्प में दर्ज होगी। ई शिक्षा-कोष आधुनिक तकनीक वाला सिस्टम है।
बताते हैं कि ई शिक्षा कोष पोर्टल को सभी शिक्षकों के मोबाइल में अपलोड करना होगा। इसके बाद उन्हें हाजिरी बनाने से लेकर अन्य तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां तक कि छात्र-छात्राओं की हाजिरी भी ऐप से बनेगी। इसको लेकर राज्य स्तर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार, प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा के डीपीओ, स्थापना शाखा के डीपीओ अवधेश कुमार एवं एमआईएस प्रभारी विक्रांत कुमार को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब इनके द्वारा प्रखंड स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए रोस्टर तैयार किया जा रहा है।
एक सप्ताह लग सकता है समय ऐसी संभावना है कि दो-तीन दिनों में प्रखंड स्तर पर ट्रेनिंग देने की तिथि जारी कर दी जाएगी। यानी की पूरी ट्रेनिंग देने के संदर्भ में 1 सप्ताह का समय लग सकता है और इसके बाद मोबाइल ऐप से हाजिरी बनने लगेगी। इस संदर्भ में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अपर राज्य परियोजना निदेशक रविशंकर सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा है।
विद्यालय स्तर पर दी जाएगी ट्रेनिंग शिक्षकों को ई शिक्षा कोष पोर्टल पर हाजिरी बनानी है। इसको लेकर प्रखंड स्तर से विद्यालय स्तर तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए रजिस्टर तैयार किया जा रहा है। - अशोक कुमार पांडेय, डीपीओ, प्राथमिक एवं समग्र शिक्षा , सीवान
कठिनाई होने पर पोर्टल पर अपलोड वीडियो से लेंगे सहारा विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों द्वारा शिक्षक मॉड्यूल के तहत यू डायस 2021-22 के आधार पर ही शिक्षक को वेबसाइट में समाहित किए गए शिक्षक प्रोफाइल से संबंधित आंकड़ों को अद्यतन करना सुनिश्चित करना होगा। साथ ही टेंपरेरी आईडी के आधार पर मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करने के लिए प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को निर्देश दिया जाएगा।
इधर शिक्षक को पोर्टल के उपयोग के क्रम में विद्यालयों एवं प्रधान अध्यापक शिक्षकों के कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए वीडियो भी तैयार किया गया है। जिससे यूजर द्वारा लॉगइन करने के उपरांत मेनू पेज पर देखा जा सकेगा। साथ ही इस सॉफ्टवेयर के सभी मॉडल के उपयोग के लिए एक यूजर मैनुअल भी विकसित किया गया है।