संडे जज्बात-सचिन ने बच्चों की फीस भेजी, मैंने लौटा दी:कांबली की पत्नी बोलीं- शराब छोड़ने के वादे पर विनोद से शादी की थी

3 दिन पहलेलेखक: एंड्रिया हेविट
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मैं एंड्रिया हेविट, क्रिकेटर विनोद कांबली की पत्नी। फैशन मॉडल रह चुकी हूं।

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पिछले कुछ सालों से विनोद की तबीयत ठीक नहीं है। हालत लगातार सीरियस होती जा रही है। ये सब पैसों की तंगी की वजह से हो रहा है। अगर वो शराब नहीं भी पी रहे होते थे तो सिगरेट पीते थे। ड्रग्स कभी नहीं लेते थे। मैंने विनोद की हर तरह से मदद करने की कोशिश की, मुझे लगता है कि ये मेरा फर्ज है।

दरअसल, कोविड के समय लॉकडाउन हुआ तो विनोद को काम मिलना बंद हो गया। तनाव बढ़ने लगा। जब काम नहीं मिलता, तो आदमी ज्यादा परेशान हो जाता है। यहीं से चीजें फिर खराब होना शुरू हुईं।

2023 में हमने साइकेट्रिस्ट की मदद ली ताकि विनोद उन्हें खुलकर अपनी परेशानी बता सकें। साइकेट्रिस्ट ने दवाइयां दी थीं। विनोद दवाइयां ले रहे थे लेकिन साथ-साथ शराब भी पी रहे थे। इस वजह से हालत और खराब हो गई।

साइकेट्रिस्ट ने कहा था कि अगर आप दवाइयां लेंगे तो तनाव कम होगा। शराब पीने की जरूरत नहीं होगी। विनोद माने नहीं, शराब पीते रहे। इससे उनकी मानसिक स्थिति और ज्यादा खराब हो गई।

मुझे याद है कि जब शेन वॉर्न की मौत हुई थी तब तक विनोद ओवर थिंकिंग करने लगे थे। शेनवॉर्न की मौत से काफी दुखी थे।

जिस पल उन्हें कोई चीज परेशान करती है, उनका व्यवहार रूखा हो जाता है, वो एग्रेसिव हो जाते हैं। मुझे लगता है, ये स्पोर्ट्समैन का नेचर होता है। एरोगेंस उनके खून में होता है। यही कांबली में है।

25 दिसंबर 2024 को विनोद कांबली जिस हॉस्पिटल में थे, वहीं एंड्रिया ने बच्चों के साथ क्रिसमस का केक काटा था।
25 दिसंबर 2024 को विनोद कांबली जिस हॉस्पिटल में थे, वहीं एंड्रिया ने बच्चों के साथ क्रिसमस का केक काटा था।

विनोद से मेरी पहली मुलाकात 2004 में हुई थी। तब उनका पहली पत्नी से तलाक हो चुका था। 2006 में हमारी शादी हुई। हमारे मिलने का किस्सा भी दिलचस्प है। मेरे दोस्त अक्सर पार्टी करते थे, लेकिन मैं नहीं जाती थी।

एक बार मेरे दोस्त ने कहा कि पार्टी में विनोद कांबली आ रहे हैं, अब तो आपको आना ही होगा। उन्हें लगा कि ये तरकीब काम करेगी। मैंने पार्टी में जाने के लिए हामी तो भर दी, लेकिन गई नहीं। बाद में अपना फोन स्विच ऑफ करके सो गई।

कुछ दिन बाद उस दोस्त ने दोबारा कॉल किया तो मैंने उन्हें सॉरी बोला। फिर उस दोस्त ने कहा कि इस बार मेरे बर्थडे की पार्टी है, इसलिए आपको आना ही होगा। वो मुझे पर्सनली पिक करने आया इसलिए जाना पड़ा।

उस समय मैं तनिष्क के लिए मॉडलिंग करती थी, कई जगह मेरे होर्डिंग्स लगे थे। विनोद ने मुझे बाद में बताया कि उन्होंने मेरे होर्डिंग्स देखकर ही अपने दोस्त से मुझे पार्टी में बुलाने के लिए कहा था। इस तरह से हमारी कहानी की शुरुआत हुई थी।

पार्टी में मैं पहली बार विनोद से मिली। जब पता चला कि वो क्रिकेटर हैं, तो मेरे दिमाग में कई चीजें आईं जैसे फ्लॉन्टी नेचर, स्टाइल, एरोगेंस, लेकिन वो तो जेंटलमैन, हंबल, स्वीट और डाउन टू अर्थ थे। मुझे ये चीजें बहुत अच्छी लगीं।

तब मैं विनोद के बारे में ज्यादा नहीं जानती थी। हम दोस्तों की तरह ही मिलते थे। तब हम डेट नहीं कर रहे थे। मुझे ये भी नहीं पता था कि वो मुझे पसंद करते हैं। शुरुआत में तो वो ये कहने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे। काफी समय बाद उन्होंने अपनी फीलिंग्स शेयर कीं।

शादी से पहले जब मैं विनोद से मिलती तो मुझे वो खोए-खोए दिखते थे, जैसे कोई गहरा घाव हो। अक्सर शराब पीते थे, खाना भी नहीं खाते थे। एक बार मैंने उनसे पूछा, क्या कोई चीज आपको परेशान कर रही है? तब विनोद ने मां की डेथ से परेशान होने की बात कही थी। तब मुझे लगता था कि वो जिस इमोशनल टर्बुलेंस से गुजर रहे हैं, शराब पीने से शायद राहत मिलती हो।

जब पता चला कि वो मुझसे शादी करना चाहते हैं तो मैंने कह दिया शराब छोड़नी होगी। मैं किसी ऐसे आदमी के साथ नहीं रह सकती, जो इतनी शराब पीता हो। शादी करने से पहले काफी समय भी लिया था।

विनोद कांबली ने दो साल पहले फैमिली के साथ 50वां जन्मदिन मनाया था।
विनोद कांबली ने दो साल पहले फैमिली के साथ 50वां जन्मदिन मनाया था।

शादी से पहले विनोद किसी महिला के साथ घूमा करते थे। सचिन तेंदुलकर को वो पसंद नहीं थी। वो इसके लिए विनोद को कभी इनकरेज नहीं करते थे। सचिन ने ही विनोद से कहा था कि उन्हें मुझसे शादी करनी चाहिए। ये सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई थी।

मैं विनोद की जिंदगी का हिस्सा बनी, तो उनके पास भी शराब छोड़ने के अलावा दूसरी कोई चॉइस नहीं थी।

साल 2010 में मैं पहले बच्चे की मां बनने वाली थी। उस दौरान एक दिन विनोद काफी डिस्टर्ब दिखे। वो एक कोने में बैठकर कुछ पी रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि ये क्या है? उन्होंने कहा- कोल्ड ड्रिंक है। मैंने स्मेल किया, वो शराब थी।

मुझे अच्छा नहीं लगा। गुस्सा भी आया। मैंने कहा- हमारा बच्चा आने वाला है। आप ये नहीं कर सकते। किसी भी कीमत पर ये बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी।

मैंने पूछा कि आप शराब क्यों पी रहे हैं? इसपर विनोद बोले, पैसों को लेकर परेशान हूं। मैं थोड़ी देर तक सोचती रही, फिर बोली- क्या मैं आपके काम को संभाल सकती हूं? उन्होंने तुरंत कह दिया- हां, ठीक है। तब से मैंने विनोद का काम मैनेज करना शुरू किया।

विनोद के सारे कॉन्ट्रैक्ट मैनेज करती थी। करीब एक महीने में ही हमने कई कॉन्ट्रैक्ट साइन किए। आर्थिक स्थिति ठीक हो गई थी। पहला बच्चा भी हो गया था। हालांकि, उस समय हमारे पास अपना घर नहीं था, हम किराए पर रहते थे। फिर हमने अपार्टमेंट खरीदा। प्रोग्रेस हो रही थी।

विनोद ने 6 साल के लिए शराब छोड़ दी, लेकिन सिगरेट पीते थे। मैं सिगरेट कम करने के लिए भी कहती थी। वो कहते थे- ‘अरे बाबा, और क्या करूं। तुमने मुझे शराब पीने से रोक दिया। कम से कम सिगरेट पीने दो।’ मैं इससे ज्यादा कंट्रोल नहीं कर सकती थी।

मां एंड्रिया के साथ दोनों बच्चे, जीसस क्रिस्टियानो (बेटा) और जोहाना क्रिस्टियानो (बेटी)
मां एंड्रिया के साथ दोनों बच्चे, जीसस क्रिस्टियानो (बेटा) और जोहाना क्रिस्टियानो (बेटी)

विनोद बेटे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे। मैं एक पारिवारिक जीवन चाहती थी, ऐसा इंसान चाहती थी जो मुझसे, बच्चों से, घर से और जिम्मेदारियों से जुड़ा हो।

कुछ समय बीता, विनोद फिर लड़खड़ाए। परेशानी शुरू हो गईं। अगर वो नहीं डगमगाते तो चीजें ठीक चल रही थीं। हालांकि मैं अब इन चीजों के बारे में बात नहीं करना चाहती। इस पर बात करने से ऐसा लगेगा कि विनोद जिस हालत में हैं, वो डिजर्व करते हैं।

मैं विनोद से कहती भी थी कि अगर आप शराब पीना चाहते हैं तो उसे बैलेंस करिए। शराब आपको खा जाए, ये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती।

2014 में मेरी बेटी जोहाना का जन्म हुआ। इसके तुरंत बाद विनोद पहली बार रिहैब गए।

विनोद इसके बाद से अब तक 6-7 बार रिहैब जा चुके हैं। जब भी घर लौटकर आते, तो मैं नजर रखती थी। ये देखती थी कि क्या वाकई परिवार के लिए वापस आए हैं। कुछ दिन तक सब ठीक रहता, फिर विनोद लड़खड़ा जाते।

विनोद कांबली के साथ उनकी पत्नी एंड्रिया।
विनोद कांबली के साथ उनकी पत्नी एंड्रिया।

विनोद अगर किसी नशे में नहीं होते थे, तो एक पिता की जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाते। बच्चों को खेलने-खिलाने बाहर ले जाना, चीजें प्लान करना, उनके साथ टाइम स्पेंड करना …वो सब कुछ करते जो एक पिता को करना चाहिए। सचिन भी उनमें इस बदलाव को देखकर हैरान थे।

विनोद एक दोस्त की तरह मुझसे बातें डिस्कस करते थे। मैं उन्हें गाइड करती थी, लेकिन कई बार वो मेरी बात नहीं मानते थे। वो हर चीज में फेल हुए क्योंकि उन्होंने मेरी सलाह मानने की बजाय दूसरों की बातें सुनी।

टीवी शो ‘सच का सामना’ में शामिल होने के लिए मैंने मना किया था, लेकिन विनोद माने नहीं। उनके एक दोस्त ने शो में शामिल होने के लिए कहा था। शो में एंकर विनोद जैसे सेलिब्रिटी से पर्सनल सवाल पूछा करता था और सेलिब्रिटी को जवाब देना होता था। लोगों को लगता था कि शो में एंकर मौके पर ही सवाल पूछ रहा है, लेकिन ऐसा नहीं था।

विनोद को कुछ सवाल पहले से पता थे, इनमें सचिन वाला सवाल भी था। मैंने उनसे कहा था कि जब सचिन पर सवाल आए तो जवाब मत देना, लेकिन जब मैंने शो देखा तो वो परेशान करने वाला था। यहीं से सारी निगेटिव चीजें शुरू हुईं। विनोद ने अनजाने में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया। उसके बाद काफी कुछ हुआ।

(इस शो में विनोद से पूछा गया था 'क्या आप मानते हैं कि खुद को बर्बाद कर देने वाले आपके रवैये से सचिन आपको बचा सकते थे' इसके जवाब में कांबली ने कहा था 'हां, सचिन बचा सकते थे।')

विनोद ने अपने उस दोस्त पर भरोसा किया था। उसने कहा था कि किसी भी सवाल-जवाब से परेशानी नहीं होगी।

आज सचिन को भी अपने दोस्त को बुरी स्थिति में देखकर निराशा होती है। एक बार सचिन ने हमारे बच्चों की स्कूल फीस भेजी थी, लेकिन मैंने लौटा दी।

हम जिस अपार्टमेंट में रहते हैं, वहां भी विनोद को बेवजह टारगेट किया जाता है। वहां और भी पुराने क्रिकेटर रहते हैं। विनोद मुंबई टीम के कैप्टन रह चुके हैं। कई खिलाड़ी उनसे नाराज रहे होंगे। वो अब अपना बदला निकाल रहे हैं। हमें बेइज्जत करने के लिए फ्लैट पर आए दिन नोटिस चिपका दिए जाते हैं।

सोसाइटी की मीटिंग में मेरे सामने ही विनोद का कॉलर पकड़कर हाथ उठाने की कोशिश हो चुकी है। हमारे बच्चों को भी शेम किया जाता है। हमारे पास दो कार पार्किंग थी, एक छीन ली गई। फ्लैट की एक हफ्ते तक बिजली भी काट दी गई थी।

विनोद की हालत खराब होने के बाद मैंने फिर से कुछ काम करने के बारे में सोचा, लेकिन उसके लिए बच्चों से दूर होना पड़ता। उनका ख्याल कौन रखता। एकबार मेरे परिवार की तरफ से भी दबाव था, लेकिन मैं विनोद से अलग नहीं हो सकती थी। अब मेरा परिवार हमें सपोर्ट करता है।

विनोद के परिवार से हमारी बातचीत बेहद कम है। विनोद अपने भाइयों को पसंद नहीं करते। एक बार हॉस्पिटलाइज्ड थे, इनके पैर में रॉड पड़ी थी। तब उनके पिता ने आकर पैसे मांगे थे। हम इससे काफी दुखी हुए थे।

विनोद की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही है। एक एनजीओ हमारी मदद के लिए आगे आया है, अब वही विनोद का इलाज करा रहे हैं। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद एनजीओ ने उनके घर पर मेडिकल बेड, व्हील चेयर और दूसरी चीजों की व्यवस्था कराई है। एनजीओ की मुहिम से अब तक विनोद को लाखों रुपए की मदद मिली है।

एनजीओ की मदद मिलने से पहले बीसीसीआई से मिल रही 30 हजार रुपए की पेंशन और इधर-उधर से कुछ पैसों का इंतजाम कर किसी तरह हमारा गुजारा हो रहा था।

(ये बातें विनोद कांबली की पत्नी एंड्रिया ने दैनिक भास्कर रिपोर्टर उत्कर्ष कुमार सिंह से शेयर की हैं)

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