न्यूयॉर्क: डोनाल्ड ट्रंप के 'हश मनी' केस में न्यूयॉर्क के न्यायाधीश ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि ट्रंप को 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. यह सजा उनके 20 जनवरी को होने वाले शपथ ग्रहण से 10 दिन पहले सुनाई जाएगी. न्यायाधीश जुआन मर्चन ने कहा कि वह ट्रंप को जेल भेजने के पक्ष में नहीं हैं और इसके बजाय ट्रंप को बिना किसी शर्त के रिहाई देने की ओर इच्छुक हैं.
मर्चन ने ट्रंप के खिलाफ जूरी द्वारा दिए गए फैसले को बरकरार रखा और ट्रंप के वकीलों द्वारा मामले को खारिज करने के लिए की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया. यह मामला ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद एक पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति द्वारा अपराध का दोषी ठहराए जाने का मामला बन गया है.
इस मामले में ट्रंप पर 34 आरोप लगाए गए थे, जिसमें उन्होंने 2016 के चुनाव से पहले पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रखने के लिए धन का भुगतान किया था. ट्रंप की वकील टीम इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है, जिससे उनकी सजा में देरी हो सकती है.
ट्रंप ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे "राजनीतिक हमला" करार दिया और न्यायाधीश मर्चन को "रैडिकल पार्टिसन" कहा. उन्होंने कहा कि यह फैसला संविधान के खिलाफ और राष्ट्रपति पद के अस्तित्व को खतरे में डालने वाला है. ट्रंप के समर्थक भी इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट के इम्यूनिटी के फैसले के खिलाफ मानते हैं और इसे असंवैधानिक करार दे रहे हैं.
यह मामला ट्रंप के लिए एक और कानूनी संकट को दर्शाता है, लेकिन इससे उनका राजनीतिक भविष्य भी प्रभावित हो सकता है.